मंगलवार, 20 अगस्त 2013

कृष्ण तुम्हे अब आना होगा......


कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा …

कृष्ण तुम्हे अब आना होगा,कृष्ण तुम्हे अब आना होगा ......

त्राहि त्राहि सभी दिशाए
हमें बचाओ ,सब चिल्लाये
जल्लादों की भरमार पड़ी
गौ कटने को तैयार खड़ी .........

मीठी धुन की बंसी तज कर, तुमको शस्त्र उठाना होगा
कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा

कंसो सा आचार हो गया
पशुओ सा व्यवहार हो गया
देखो मानव नंगा होकर
बिकने को तैयार हो गया 
 .........

भगवन तुमको रन में आकर, गीता ज्ञान सुनाना होगा
कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा 

देखे औलादों के खेले,
मात-पिता को घर से ठेले
गुरुजन का सम्मान नहीं है,
भगवन की पहचान नहीं है
 .........

मोहन तुमको सौं जमुना की,सब पटरी पर लाना होगा
कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा


        कवि प्रभात "परवाना"
 वेबसाईट का पता:- www.prabhatparwana.com


1 टिप्पणी:

Yash Pal ने कहा…

IS KAVITA NE DIL KE TAR HILA DIYE HAI